ICU में आखिरी सांसें गिन रही मां से मिलना नहीं चाहते थे शाहरुख, आखिरी वक्त में नहीं देखा था पिता का चेहरा
शाहरुख खान 55 साल के हो गए हैं। 2 नवंबर, 1965 को नई दिल्ली में जन्मे शाहरुख ने 15 साल की उम्र में ही अपने पिता मीर ताज मोहम्मद खान को खो दिया था। इसके 10 साल बाद उनकी मां लतीफ फातिमा खान का इंतकाल हो गया। शाहरुख खान ने 'द अनुपम खेर शो : कुछ भी हो सकता है' में बताया था कि मां के आखिरी वक्त में वे उन्हें तकलीफ दे रहे थे। हालांकि, इसकी जो वजह उन्होंने बताई थी, वह बहुत ही इमोशनल थी।
मां से मिलने आईसीयू में नहीं जाना चाहते थे शाहरुख
शाहरुख खान के मुताबिक, जिस दिन मां की मौत हुई, उस दिन वे दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल के पार्किंग लॉट में दुआ कर रहे थे और मां आईसीयू में भर्ती थीं। शाहरुख उस वक्त मां से मिलने नहीं जा रहे थे, क्योंकि उन्हें किसी ने बताया था कि अगर वे प्रे करते रहेंगे तो मां को कुछ नहीं होगा।
शाहरुख ने बताया कि उन्हें 100 बार दुआ पढ़ने के लिए कहा गया था, लेकिन वे 100 से भी कहीं ज्यादा बार दुआ मांग चुके थे। तभी अचानक डॉक्टर आया और बोला कि वे आईसीयू में जा सकते हैं, जिसका मतलब यह था कि मां की अंतिम घड़ी आ चुकी थी।
बकौल शाहरुख- मैं जाना नहीं चाहता था, क्योंकि मुझे लग रहा था कि मैं दुआ पढ़ता रहूंगा तो मां बच जाएंगी। लेकिन फिर बहन और बाकी लोगों ने कहा कि जाना जरूरी है, तो जाना पड़ा।
क्यों ICU में मां को तकलीफ देते रहे शाहरुख?
शाहरुख आगे कहते हैं- मेरा एक यकीन है कि इंसान तब दुनिया छोड़ता है, जब वह हर चीज से संतुष्ट होता है। क्योंकि अगर ऐसा न हो तो मां-बाप बच्चों को छोड़कर नहीं जा सकते। जब मेरी मां आईसीयू में थीं तो मैं उनके पास बैठ गया और मैंने गलत बात की। मैं उन्हें दुख पहुंचाता रहा।
मैंने सोचा अगर मैं इन्हें सेटिस्फाई नहीं होने दूंगा तो वे जाएंगी नहीं। इसलिए मैं उनके पास बैठकर ऐसी बातें करता रहा कि देखो अगर आप चली जाएंगी तो मैं अपनी बहन का ख्याल नहीं रखूंगा। मैं पढूंगा नहीं। मैं काम नहीं करूंगा।
ऐसी ही मूर्खता भारी बातें करता रहा। ताकि उनको तकलीफ पहुंचे कि यार मैं अभी सेटिस्फाई नहीं हूं...इसलिए मैं जाऊंगी नहीं। लेकिन शायद ये बचपन के यकीन होते हैं। उन्हें जाना ही था। शायद वो सेटिस्फाई थीं कि मैं अपनी बहन का ख्याल रखूंगा। जिंदगी में ठीकठाक कर लूंगा।
किस्सा नं. 2: पिता के साथ की आखिरी याद
शाहरुख ने इंटरव्यू के दौरान पिता मीर ताज मोहम्मद के साथ की आखिरी याद भी बताई थी। शाहरुख के मुताबिक, पिता को कैंसर था। उनका इलाज चल रहा था और जब लगा कि वे ठीक हो गए तो उन्हें घर लाया गया। घर आने के बाद पिता ने वनीला आइसक्रीम मांगी और उन्होंने खुद उन्हें वह आइसक्रीम दी।
बकौल शाहरुख- 18 अक्टूबर की रात थी, मैं सो रहा था। मां ने आकर जगाया और कहा कि पापा हॉस्पिटल में हैं। मेरा लास्ट विजुअल यह है कि मैंने उनके पैर देखे थे, जो बहुत ठंडे थे। मैंने उनका चेहरा नहीं देखा। क्योंकि मुझे बहुत दुख हो रहा था। मेरी आखिरी याद उनके साथ वनीला आइसक्रीम वाली ही है।
पिता ने शाहरुख को यह सीख दी थी
शो में शाहरुख से जब पूछा गया कि उनके वालिद उन्हें क्या बनते देखना चाहते थे? तो उनका जवाब था- मैं 15 साल का था, जब उनकी फौत (निधन) हो गई। इसलिए मौका नहीं मिला कि वो बताएं कि क्या बनूं। लेकिन एक दो-बातें बोलते थे, जो मुझे अब भी याद हैं। कहते थे कि जिस चीज में दिली खुशी हो वो बनना।
मैं उनके बहुत करीब था, वो मेरे दोस्त की तरह थे। हमेशा बोलते थे कि काम करना और न करो तो वो भी ठीक है। क्योंकि, जो कुछ नहीं करते, वो कमाल करते थे। वो कहते थे हॉकी जरूर खेलना, हमारा नेशनल सपोर्ट है। वो खुद खेलते थे। इसलिए मैंने कुछ हॉकी जरूर सीखी।
किस्सा नं. 3: बहन डिप्रेशन में चली गई थी
कहा जाता है कि पिता की डेड बॉडी देखकर शाहरुख की बहन शहनाज लाला रुख खान बेहोश हो गई थीं। उन्हें इतना गहरा सदमा लगा कि वे डिप्रेशन में चली गई थीं और अक्सर बीमार रहने लगी थीं।
एक इंटरव्यू में शाहरुख ने बताया था- पापा की मौत के सदमे में शहनाज मानसिक संतुलन खो बैठी थीं और 2 साल तक इससे उबर नहीं पाईं। वे रोती या चिल्लाती नहीं थीं, लेकिन उनके चेहरे पर पापा के खोने का गम साफ झलकता था। डीडीएलजे (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे) की शूटिंग के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी तो हम उन्हें इलाज के लिए स्विट्जरलैंड ले गए थे।
मैं जब फिल्म के गाने 'तुझे देखा तो ये जाना सनम' की शूटिंग कर रहा था, तब स्विट्जरलैंड में शहनाज का इलाज चल रहा था। इलाज के बाद उनकी हालत पहले से बेहतर हुई, लेकिन वे अब भी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाई हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35Yne1o
Post a Comment