Header Ads

भारत 'एंटी वुमन' देशों की लिस्ट में टॉप पर, इस लिस्ट में अमेरिका और ज्यादातर मुस्लिम देश शामिल

पिछले दिनों कॉमेडियन अग्रिमा जोशुआ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में अग्रिमा ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के बारे में टिप्पणी की थी। ये वीडियो करीब सालभर पुराना था। इस वीडियो को लेकर अग्रिमा ने माफी भी मांगी। लेकिन, ये मामला यहीं नहीं रुका।

गुजरात के वड़ोदरा के रहने वाले शुभम मिश्रा नाम के एक लड़के ने एक वीडियो पोस्ट कर अग्रिमा को न सिर्फ भद्दी गालियां दीं, बल्कि आपत्तिजनक बातें भी कहीं। इस पूरे मामले के बाद शुभम को वड़ोदरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन, इस पूरे मामले के बाद महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बातें होने लगी। इस घटना के बहाने वो पांच रिपोर्ट जो बताती हैं देश और दुनिया में महिलाओं की स्थिति।

दो साल पहले आई थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की रिपोर्ट में भारत को महिलाओं के लिए दुनिया के सबसे असुरक्षित देशों की लिस्ट में पहले नंबर पर रखा था। यानी भारत का नाम दुनिया में उन देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर था, जो एंटी-वुमन थे। एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे देश में हर साल 2 लाख से ज्यादा बच्चियों को या तो जन्म से पहले ही मार दिया जाता है या फिर उन्हें 5 साल तक की उम्र भी नसीब नहीं होती।

1. लापता महिलाओं की संख्या हमारे देश में चीन के बाद सबसे ज्यादा

जून में यूएन पॉपुलेशन फंड की ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन 2020' पर एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 1970 से लेकर 2020 के बीच दुनियाभर में 14.26 करोड़ महिलाएं लापता हुई थीं। इनमें से 4.58 करोड़ महिलाएं अकेले भारत में लापता हुई थीं। ये आंकड़ा चीन के बाद सबसे ज्यादा है। चीन में इस दौरान 7.23 करोड़ महिलाएं लापता हुईं। इतना ही नहीं हर साल दुनियाभर में 12 लाख बच्चियां पैदा होते ही लापता हो जाती हैं। इनमें 90 से 95% अकेले चीन और भारत में होती हैं।

2. 31% से ज्यादा महिलाएं डोमेस्टिक वायलेंस की शिकार
2015-16 में हुए चौथे नेशनल फैमिल हेल्थ सर्वे में 31.1% शादीशुदा महिलाएं अपने जीवन में कम से कम एक बार वायलेंस का शिकार जरूर होती हैं। इसी साल एक प्राइवेट एजेंसी के सर्वे में भी सामने आया था कि 80% कामकाजी महिलाओं पर पति अत्याचार करते हैं।

सरकार की ही एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी का डेटा बताता है कि हर साल 1 लाख से ज्यादा ऐसे मामले दर्ज होते हैं, जिनमें महिलाओं पर या तो उनके पति या फिर कोई रिश्तेदार अत्याचार करते हैं।

3. हर दिन 20 महिलाएं दहेज न देने की वजह से मारी जाती हैं
सालों पुरानी दहेज प्रथा आज भी चल रही है। दुनिया में भारत ऐसा देश है, जहां दहेज न मिलने पर महिला को मार दिया जाता है। सरकारी आंकड़े भी यहीं बयां करते हैं। एनसीआरबी के मुताबिक, 2018 में देशभर में 7 हजार 277 महिलाओं को दहेज न मिलने पर मार दिया गया था। यानी हर दिन 20 महिलाएं।

4. ट्विटर पर महिला राजनेताओं को मेंशन करने वाले हर 7 में से 1 ट्वीट एब्यूसिव
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च से मई के बीच एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक स्टडी की थी। इसमें 95 महिला राजनेताओं को मेंशन करने वाले 1.14 लाख से ज्यादा ट्वीट का एनालिसिस किया गया था। इनमें से 13.8% ट्वीट प्रॉब्लमैटिक या एब्यूसिव लैंग्वेज वाले थे। यानी हर दिन 10 हजार से ज्यादा ट्वीट ऐसे किए गए, जिनमें इन 95 महिला राजनेताओं के खिलाफ एब्यूसिव लैंग्वेज लिखी गई।

5. महिलाएं, पुरुषों के बराबर काम करती हैं, लेकिन तनख्वाह उनसे कम
देश में पुरुषों की तुलना में कामकाजी महिलाओं की संख्या बहुत ही कम हैं। केंद्र सरकार के ही आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 में देशभर के कामगारों में पुरुषों की संख्या 71.2% और महिलाओं की संख्या 22% थी। यानी हर 100 कामगारों में सिर्फ 22 महिलाएं ही हैं।

इतना ही नहीं, देशभर में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में तनख्वाह भी कम मिलती है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाजेशन के मुताबिक, देश में एक ही काम के लिए पुरुष कामगारों की तुलना में महिला कामगारों को 34.5% कम तनख्वाह मिलती है। जबकि, पाकिस्तान में यही अंतर 34% का है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
India tops the list of Anti-Woman countries, America and most Muslim countries are included in this list.


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/32pDdp0
Indian Hotel Center. Blogger द्वारा संचालित.